E-Scooters में चीनी पार्ट्स का इस्तेमाल करने पर केंद्र सरकार ने छह कंपनियों पर लगाया 500 करोड़ रुपये का जुर्माना

Indian Goverment Asked E-scooter Makers To Return Rs 500 Crore Rupees Aid For Using China Parts

कुछ महीने पहले, भारत सरकार ने छह इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों पर लोकलाइजेशन नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। केंद्र ने बताया कि ये सभी कंपनिया ‘Make In India’ दावा करने के बावजूद,अपने स्कूटरों में चीन से आयातित पार्ट्स का उपयोग कर रही थी। भारत सरकार ने इन आरोपों के जाँच के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसमे आरोप सही साबित हुए है। आरोप सही साबित होने के बाद सरकार ने हाल ही में उन छह कंपनियों के खिलाफ 500 करोड़ रुपये का पेनाल्टी लगा दिया है। साथ ही इन कंपनियों को फेम इंडिया योजना (Fame India Scheme) के सब्सिडी से भी वंचित कर दिया गया है।

इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माताओं को सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है

पिछले साल इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटना की जांच में पाया गया कि संबंधित कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर में भारतीय निर्मित पार्ट्स के बजाय चीन में बने पार्ट्स का इस्तेमाल किया गया था। हालाँकि ये कंपनियां सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए Make in India का केवल ढोंग कर रही थी। और भारत में बने पार्ट्स का इस्तेमाल ना कर के चाइना से पार्ट्स को इंपोर्ट कर के अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर में इस्तेमाल कर रही थी।

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आरोपी छह EV कंपनियां Okinawa Autotech, Hero Electric, Greaves Electric Mobility, Revolt Motors, Benling India Energy & Technology और Amo Mobility Solutions हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन कंपनियों को धोखाधड़ी के आरोप में सरकार ने 1,200 करोड़ रुपये की सब्सिडी को रोक दिया हैं।

ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ़ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) के अनुसार, ई-स्कूटर स्टार्टअप को बिना सब्सिडी के सामूहिक रूप से 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। उनका दावा है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में ये सख्त सरकारी नियम इलेक्ट्रिक
टू व्हीलर के डेवेलोमेंट की गति को रोक रहा है। लेकिन सस्ते चीनी पार्ट्स के खतरे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार भारत में बने पार्ट्स को प्राथमिकता देना चाहती है।

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रितेश सिंह पिछले 12 सालों से पत्रकारिता में हैं। मूलरूप से सिवान बिहार के रहने वाले रितेश इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद डिजिटल मीडिया का भी अनुभव रखते हैं। फिलहाल, ऑटो खबरी में बतौर सीनियर एडिटर कार्यरत हैं। नोएडा के UPTU से पढ़ाई के बाद तिरंगा टीवी जैसे बड़े चैनल से करियर की शुरुआत करते हुए , DW हिन्दी जैसे चैनलों के लिए फ्रीलांस भी कर चुके है। रितेश ऑटो के आलावा दुनिया, बिजनेस, धर्म जैसे बीट पर काम कर चुके हैं। इसके आलावा रितेश ने Xs worldwide, expoodle, HCL जैसे कंपनियों के लिए भी काम किया हैं।