दिल्ली की सड़कों पर फर्राटे भरते नजर आए CNG स्कूटर, मात्र 70 पैसे में लेकर जाएगा।

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देश के कुछ शहरों में CNG से चलने वाले स्कूटर देखे गए हैं और इनकी डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है। अब आपके दिमाग में ये सवाल जरूर आया होगा की जब किसी कंपनी ने सीएनजी से चलने वाला स्कूटर लॉन्च ही नहीं किया तो ये मार्केट में आया कैसे। ये सिर्फ और सिर्फ सीएनजी किट की वजह से संभव हो सका है। आज देश में तमाम ऐसी कंपनियां आ चुकी हैं, जो CNG किट बेच रही हैं, न सिर्फ बेच रही हैं बल्कि लगाकर भी दे रही हैं। इसी का लाभ लेने के लिए बड़े स्तर पर कस्टमर्स अपनी पेट्रोल से चलने वाली स्कूटी/स्कूटर को सीएनजी में बदल रहे हैं।

इस बदलाव के पीछे एक बड़ा कारण पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को भी माना जा रहा है देश में बिकने वाले स्कूटर अधिक से अधिक 50kmpl तक का माइलेज देते हैं, जो आज के हिसाब से महंगा साबित हो रहा है। लेकिन सीएनजी किट लगने के बाद महंगाई से थोड़ी राहत मिल जाएगी। इसके लगने से आपको प्रति किलोमीटर चलने के लिए 70 से 80 पैसे का खर्च आएगा, हालाँकि इसे लेकर कोई भी अधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

CNG किट लगवाने में आएगा इतना खर्चा

अगर आप भी अपने स्कूटर में सीएनजी किट लगवाने की सोच रहे हैं तो इसके लिए दिल्ली जाना होगा, क्योंकि दिल्ली में काम कर रही एक कंपनी ने इस नए कांसेप्ट पर काम शुरू किया है। हालांकि अपने शहर में भी पता लगा सकते हैं। जहां तक बात इसे लगवाने के खर्च की है तो ये करीब 15 से 18 हजार रुपये तक जा सकता है। अब आप में से कुछ लोग ये सोच रहे होंगे की ये महंगा है, तो बता दें की जो कंपनी सीएनजी किट बच रही है। उसके एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की कस्टमर इस खर्च को बड़े ही आराम से एक साल में निकाल सकते हैं। कंपनी का ये भी दावा है की स्कूटर में सीएनजी किट को फिट करने के लिए मात्र 4 से 5 घंटे का समय लगता है। इसमें एक सुविधा और दी जा रही है, जिसके मुताबिक आप अपनी सहूलियत के हिसाब से पेट्रोल पर भी स्विच कर सकते हैं।

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CNG किट लगवाने का नुकसान

सीएनजी किट में कुछ कमियां भी देखने को मिल रही हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार किट लगने से स्कूटर का पिकअप कम हो जाता है और मोटर पर अधिक भार पड़ता है। सीएनजी टैंक की स्टोरेज क्षमता भी मजह 1.2 किलोग्राम की है, यानी कम से कम अंतराल पर आपको फ्यूल भरवाना होगा और छोटे शहरों में इसे चलाना उतना आसान नहीं होगा, क्योंकि आज भी सीएनजी फ्यूल पंप की संख्या कम है।

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जया सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2020 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। इलेक्ट्रॉनिक से लेकर डिजिटल मीडिया का अनुभव रखती हैं। अपने करियर में ऑटो-गैजेट्स आदि पर लेख लिख चुकी हैं। फिलहाल, जया सिंह ऑटो खबरी की ऑटो न्यूज वेब साइट में बतौर लेखक काम कर रही हैं।