Lithium Battery: आने वाल समय में हो सकती है लिथियम आयन बैटरी की कमी, ये है बड़ा कारण:

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Lithium Battery: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रोडक्शन में लिथियम बैटरी का इस्तेमाल ज्यादा होने की वजह से लिथियम आयन बैटरी की मांग बढ़ी है। लेकिन दुनिया भर में इसकी सप्लाई का संकट है। चीन के साथ मुकाबला करने के लिए पश्चिमी देशों में नई खदानें लिथियम के नई खदानें लगाने की रेस चल रही है रॉयटर्स के मुताबिक सर्बिया की सरकार ने गुरुवार को एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई खनन कंपनी रियो टिंटो पीएलसी( Rio Tinto PLC) के मालिकाना हक वाली प्रमुख लिथियम प्रोजेक्ट का लाइसेंस कैंसिल कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के इंडस्ट्री डिपार्टमेंट यूएस जियोलॉजिकल सर्वे कंपनी की रिपोर्ट और क्रेडिट सुईस रिपोर्ट के आंकड़ों के आधार पर प्रमुख लिथियम माइन पॉलिथीन की सप्लाई पर कुछ तथ्य इस प्रकार हैं।

नमकीन खदानों से निकलता है लिथियम :

मौजूदा वक्‍त में लिथियम, हार्ड रॉक या नमकीन खदानों से निकलता है। हार्ड रॉक खदानों से प्रोडक्‍शन करने के साथ ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा सप्‍लायर है। वहीं, अर्जेंटीना, चिली और चीन नमक की झीलों से इसका प्रोडक्‍शन कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के इंडस्‍ट्री डिपार्टमेंट के अनुसार, लिथियम कार्बोनेट का कुल वैश्विक उत्पादन दिसंबर में 2021 में 485,000 टन था।

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Lithium-Ion Battery

नमकीन खदानों से निकलता है लिथियम: Lithium Battery:

मौजूदा वक्त में लिथियम हार्ड रॉक या नमकीन खदानों से निकलता है। हार्ड रॉक खदानों से प्रोडक्शन करने के साथ ऑस्ट्रेलिया लिथियम का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर है। वहीं अर्जेंटीना, चिल्ली और चीन नमक की झीलों से उसका प्रोडक्शन कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के अनुसार वित्तीय कार्बोनेट का कुल वैश्विक उत्पादन दिसंबर में 48,5000 टन था।

2022 में यह बढ़कर 615,000 टन और 2023 में 821,000 टन होने का अनुमान लगाया गया था क्रेडिट सुईस का विश्लेषण है कि 2022 में लिथियम का प्रोडक्शन 588,000 टन और 2023 में 736,000 टन हो सकता है। लेकिन इसकी मांग ज्यादा रहेगी ज्यादा मांग की वजह इलेक्ट्रिक व्हीकल में इस्तेमाल होने वाली बैटरी हैं।

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बढ़ सकती हैं लिथियम आयन बैटरी की कीमतें: Lithium Battery:

चीनी बैटरी मेकर्स की ओर से बढ़ी मांग के कारण लिथियम कार्बोनेट की कीमतें पिछले 1 साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। दुनिया के टॉप 10 लिथियम प्रोड्यूसर में से एक ऑलकेम (Allkem) ने कहा है कि जून तक इसकी कीमत 20,000 डॉलर यानी लगभग 150,0000 रुपए प्रति टन हो जाएगी।

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लिथियम आयन बैटरी

दुनिया की बड़ी Lithium Battery खदाने:

ग्रीनबुश (वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया) यहां सालाना 1.34 बिलियन टन तक नीतियों का प्रोडक्शन होता है।

पिलगांगूर (वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया) 2022 तक यहां 400,000- 450,0000 टन प्रोडक्शन की उम्मीद है।

माउंट कैटलिन (वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया) यहां खनन कर रही कंपनी ने 2021 में 230,065 टन, स्पोड्यूमिन टकंसंट्रेट का प्रोडक्शन किया।

मिब्रा (ब्राजील) यहां हर साल 90000 टन स्पोड्यूमिन का प्रोडक्शन किया जाता है।

माउंड मैरीओन (वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया) यहां जून 2022 तक 450,000-475,000 टन स्पोड्यूमियन का प्रोडक्शन होने की उम्मीद है।

अगर वर्तमान समय की बात की जाए तो पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ीयों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। मतलब साफ हैं आने वाले समय में अगर विश्व युद्द हुआ तो इसी के लिए होगा। अगर भारत की बात की जाए तो देश की राजधानी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उत्पादन का हब बनते जा रहा हैं। ये तमाम बातें है जो ये बैटरी के कमी का कारण बन सकती हैं।

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रितेश सिंह पिछले 12 सालों से पत्रकारिता में हैं। मूलरूप से सिवान बिहार के रहने वाले रितेश इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद डिजिटल मीडिया का भी अनुभव रखते हैं। फिलहाल, ऑटो खबरी में बतौर सीनियर एडिटर कार्यरत हैं। नोएडा के UPTU से पढ़ाई के बाद तिरंगा टीवी जैसे बड़े चैनल से करियर की शुरुआत करते हुए , DW हिन्दी जैसे चैनलों के लिए फ्रीलांस भी कर चुके है। रितेश ऑटो के आलावा दुनिया, बिजनेस, धर्म जैसे बीट पर काम कर चुके हैं। इसके आलावा रितेश ने Xs worldwide, expoodle, HCL जैसे कंपनियों के लिए भी काम किया हैं।