Helmet Buying Tips: बाइक हो या फिर स्कूटर दोपहिया व्हीकल चलाते समय हेलमेट पहनना जरुरी है। ऐसा न करने से आपकी जान का खतरा रहती ही है साथ ही ट्रैफिक चालान भी कट सकता है। देश में ज्यादातर लोग केवल इसलिए हेलमेंट खरीदते हैं कि वह चलान से बच पाएं। ऐसे में लोग बिना कुछ सोचे समझे हेलमेट खरीद लेते हैं, जो कि बाद में काफी खतरनाक भी हो सकता है। यहीं नहीं अगर आप जो हेलमेंट खरीद रहे हैं वह सरकार के नियमों के मुताबिक नहीं है तो आपका चालान भी कट सकता है। यहां पर हम कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बात कर रहे हैं जो कि हेलमेंच खरीदते समय (Helmet Buying Tips) काफी जरुरी होता है।
हेलमेट बिल्ट क्वालिटी
सबसे पहले आता है हेलमेट बिल्ट क्वालिटी, जो कि काफी अच्छी होनी चाहिए। जिससे कि हमारे सिर को काफी सेफ रख सके। काफी अच्छी क्वालिटी वाले हेलमेंट फाइबरग्लास के बने होते हैं इस तरह के हेलमेंट की लागत बाकी हेलमेंट से काफी अधिक होती है, लेकिन आपकी जान से अधिक कीमती नहीं होगी।
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हेलमेट का वजन
अगर आप यह सोचकर काफी वजन वाला हेलेमेट खरीदते हैं कि यह जल्दी नहीं टूटेगा तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं सरकार के नियमों के मुताबिक हेलमेंट का भार 1.2 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। भारत के नियमों के मुताबिक औसत हेलमेट का भार 700 ग्राम से 1.20 किग्रा है। इस भार का हेलमेंट आपके लिए सबसे अच्छा रहता है।
हेलमेट का साइज
जब भी आप हेलमेट खरीदते हैं तो आपके मन में एक सवाल उठता है कि हेलमे का साइट कैसे मापें। आपको सिर के साइज और सुविधा के मुताबिक हेलेमेट का माप लेना चाहिए और इसके लिए सबसे बेहतरीन तरीका है कि आपको हेलमे खरीदने से पहले इसे पहनकर देख लेना चाहिए। हेलमेट न तो ढ़ीला हो और न ही टाइट हो, ऐसा हेलमेट आपको आराम देता है। और होने वाली दुर्घटना से बचाता है, आसानी से सिर से बहार नहीं निकलता है।
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