कैसे करता है काम और सभी कारों में क्यों जरूरी है Airbag? सबके लिए जानना…

airbag

Airbag ये एक सुरक्षा के लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण उपकरण है। साल 2019 में सरकार ने आदेश दिया था की सभी कार में स्टैंडर्ड रूप से इसे लगाया जाये। अगर आपकी कार में केवल फ्रंट एयरबैग भी दिए गए हैं तो दुर्घटना से काफी बचा जा सकता है। हम जब भी कोई कार खरीदने जाते है तो अक्सर कंपनी से पूछते है की इसमें कितने एयरबैग है। क्या आओ जानते है, कि एयरबैग क्यों जरूरी है और सरकार इसे सभी कारों में अनिवार्य रूप से देने के आदेश क्यों क्यों देती है। अगर आप नहीं जानते तो हम आपको आज एयरबैग के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। सबसे पहले एयरबैग को 1950 के दशक में बनाया गया था। ये सेफ्टी सरकार द्वारा भारतीय कारों में 2019 से अनिवार्य की गयी। आइए आपको जानकारी देते है कि ये कैसे काम करता हैऔर एयरबैग क्या होता है।

Airbag क्या होता है: Airbag एक सेफ्टी उपकरण होता है। साल 2019 में भारतीय सरकार ने देश की सभी कार कंपनियों को स्टैंडर्ड रूप से अपने मॉडलों में Airbag देने को कहा था। सरकार ने कहा था कि वाहन बनाने वाली कंपनी अपनी कार के सभी मॉडल्स में कम से कम दो एयरबैग जरूर देंगी। जैसा कि इसके नाम से ही बता चलता है Airbag, ये एक कॉटन का बना हुआ तकिया जैसा होता है जो दुर्घटना की स्थिति में खुलकर पैसेंजर को बचने का काम करता है। सभी कंपनियां इसे अधिकतर कार के स्टीयरिंग व्हील, दरवाजे और डैशबोर्ड पर लगाती हैं।

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कैसे करता है Airbag काम: एयरबैग किसी दुर्घटना के समय आपको सिर, गर्दन या छाती को कार के अंदर चोट लगने से बचाने के लिए होता है। एयरबैग सेंसर द्वारा काम करताहै जो 20-40 किमी प्रति घंटे या उससे तेज चलने वाली कार में किसीबाहरी वस्तु के प्रभाव का पता लगा लेता है। कम बजट कारों में आमतौर पर आपको डुअल फ्रंट एयरबैग ही मिलते हैं। ये एयरबैग स्टीयरिंग व्हील और डैशबोर्ड दोनों से खुल जाते है। आगे जो एयरबैग होता है उसके सेंसर आमतौर पर फ्रंट बम्पर के बीच होते हैं जबकि साइड एयरबैग के दरवाजे पर सेंसर लगाए जाते हैं। वैसे सभी कारों में 2 फ्रंट एयरबैग होना जरुरी है। लेकिन कुछ कंपनियां है जो अपने मंहगे मॉडल में 10 से भी अधिक एयरबैग ऑफर करती हैं।

Airbag क्यों हैं जरूरी: अगर आपकी कार में केवल फ्रंट एयरबैग भी हैं तो दुर्घटना के समय ये आपके बहुत काम आएंगे। जैसे ही किसी कार में लगे सेंसर को आभास होता है कि सामने से 20-40 किमी प्रति घंटे की तेजी से कोई दवाब पड़ा रहा है तो वह एयरबैग को तुरंत खोल देता है। ऐसे में कोई भी यात्री घायल होने से काफी हद तक बच सकता है। पर ये भी सच है की कार की टक्कर ज्यादा भीषण न हुई हो

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रितेश सिंह पिछले 12 सालों से पत्रकारिता में हैं। मूलरूप से सिवान बिहार के रहने वाले रितेश इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद डिजिटल मीडिया का भी अनुभव रखते हैं। फिलहाल, ऑटो खबरी में बतौर सीनियर एडिटर कार्यरत हैं। नोएडा के UPTU से पढ़ाई के बाद तिरंगा टीवी जैसे बड़े चैनल से करियर की शुरुआत करते हुए , DW हिन्दी जैसे चैनलों के लिए फ्रीलांस भी कर चुके है। रितेश ऑटो के आलावा दुनिया, बिजनेस, धर्म जैसे बीट पर काम कर चुके हैं। इसके आलावा रितेश ने Xs worldwide, expoodle, HCL जैसे कंपनियों के लिए भी काम किया हैं।